यही समय है उसे मेहतर हो जाना होगा। यही समय है उसे मेहतर हो जाना होगा।
क़लम की धार से चाहे बदल देना सभी मंज़र सदाकत जो अलग करती नहीं ऐसी दया रखना...! क़लम की धार से चाहे बदल देना सभी मंज़र सदाकत जो अलग करती नहीं ऐसी दया रखना...!
मरने के बाद नहीं मुझे जीते जी ही इंसाफ चाहिए...! मरने के बाद नहीं मुझे जीते जी ही इंसाफ चाहिए...!
बनाना चाहती थी तुझे अपने सर का ताज़ पर अफ़सोस तू तो मेरे जूतों के भी लायक़ नहीं था। बनाना चाहती थी तुझे अपने सर का ताज़ पर अफ़सोस तू तो मेरे जूतों के भी लायक़ नहीं ...
कितनी रंगीन है तुम्हारी दुनिया अजब रंगों से सजी रहती हो. कितनी रंगीन है तुम्हारी दुनिया अजब रंगों से सजी रहती हो.
खुशियों में तो सब साथ देते हैं, तुम मेरे दुख में मेरे साथ रोओगे क्या?? खुशियों में तो सब साथ देते हैं, तुम मेरे दुख में मेरे साथ रोओगे क्या??